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रुद्राक्ष एक पवित्र और धार्मिक मनका है जो रुद्राक्ष के पेड़ (Elaeocarpus ganitrus) के बीज से प्राप्त होता है। यह विशेष रूप से हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है और भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। "रुद्राक्ष" शब्द का अर्थ "रुद्र" (भगवान शिव) और "अक्ष" (आंख) से है, जिसका अर्थ होता है "शिव की आंखें"।
आध्यात्मिक महत्व: रुद्राक्ष का उपयोग ध्यान, प्रार्थना और पूजा में किया जाता है। इसे पहनने से मानसिक शांति, ध्यान की क्षमता, और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेद के अनुसार, रुद्राक्ष का प्रभाव मानसिक तनाव, रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है।
ऊर्जा संतुलन: रुद्राक्ष के मनके विभिन्न मुख (facets) या मुखी होते हैं, जैसे कि 1 मुखी, 5 मुखी, 7 मुखी आदि, और प्रत्येक मुखी का अलग-अलग ऊर्जा और लाभ होते हैं।
रक्षा और सुरक्षा: इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मानी जाती है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: इसे भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक वृद्धि होती है।
रुद्राक्ष का उपयोग माला, कंगन, या अन्य आभूषणों में किया जाता है, और इसे शरीर के संपर्क में रखना शुभ माना जाता है।
रुद्राक्ष के कई प्रकार होते हैं, जो मुख (facets) या मुखी के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं। मुखी की संख्या बीज पर पाए जाने वाले प्राकृतिक खांचे या रेखाओं को दर्शाती है। प्रत्येक मुखी का अपना विशिष्ट आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ होता है। मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
1 मुखी रुद्राक्ष:
2 मुखी रुद्राक्ष:
3 मुखी रुद्राक्ष:
4 मुखी रुद्राक्ष:
5 मुखी रुद्राक्ष:
6 मुखी रुद्राक्ष:
7 मुखी रुद्राक्ष:
8 मुखी रुद्राक्ष:
9 मुखी रुद्राक्ष:
10 मुखी रुद्राक्ष:
11 मुखी रुद्राक्ष:
12 मुखी रुद्राक्ष:
13 मुखी रुद्राक्ष:
14 मुखी रुद्राक्ष:
गौरी शंकर रुद्राक्ष:
प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष की अपनी अनूठी ऊर्जा और उपयोगिता होती है, और इन्हें व्यक्ति की आवश्यकताओं और ज्योतिषीय सलाह के अनुसार पहना जाता है।
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शुभम भवतु !